बिहार के चम्पारन जिले में महात्मा गांधी का शिविर लगा था। किसानों पर होने वाले सरकारी अत्याचारों की जाँच चल रही थी। हजारों की तादाद में किसान आ-आकर बापू से अपने दुख निवेदन कर रहे थे। उस समय उस जाँच आन्दोलन में कृपलानी जी का बड़ा प्रमुख सहयोग था।
वे गांधी जी के केम्प सेक्रेटरी के रूप में काम कर रहे थे। इसलिये जिला अधिकारियों की आँख की किरकिरी बने हुए थे।
डाक ले जाने का काम कृपलानी जी ही करते थे। एक बार कलक्टर ने पूछा, आप ही तो वह प्रोफेसर कृपलानी हैं जो इस सब हलचल के प्रमुख हैं। फिर आप यह डाक का काम क्यों करते है.
कृपलानी जी ने उत्तर दिया - ``मैं तो एक साधारण कार्यकर्ता और बापू का चपरासी हूं।´´ कृपलानी जी का उत्तर सुनकर कलक्टर ने महात्मा गांधी की महानता को समझा और आन्दोलन की गरिमा का अन्दाज लगा लिया।
1 टिप्पणी:
bahut sundar wichar !!aur ati sundar udaharn!!
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