एक गाँव में आग लग गई।सभी आदमी तो सुरक्षित भाग निकले,पर दो वृद्ध ऐसे थे जो भाग नहीं सकते थे,एक अंधा और एक पंगा। दोनो ने एकता स्थापित की, अंधे ने पंगे को कंधे पर बैठा लिया, पंगा रास्ता बताने लगा और अन्धा तेज दौड़ने लगा, दोनो सकुशल बाहर आ गये।सहयोग का अर्थ ही हैं-अनेक तरह की समर्थता से एक परिपूर्ण शक्ति का उदभव।
विचार शक्ति इस विश्व कि सबसे बड़ी शक्ति है | उसी ने मनुष्य के द्वारा इस उबड़-खाबड़ दुनिया को चित्रशाला जैसी सुसज्जित और प्रयोगशाला जैसी सुनियोजित बनाया है | उत्थान-पतन की अधिष्ठात्री भी तो वही है | वस्तुस्तिथि को समझते हुऐ इन दिनों करने योग्य एक ही काम है " जन मानस का परिष्कार " | -युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य
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