एक लड़का जंगल में गया हुआ था। चारों ओर सुनसान, उस बियाबान जंगल में हवाओं और पेड़ों के झूमने की ही आवाज आती थी। वह लड़का डरा और चिल्लाया, ` भूत।´ तो उसकी आवाज पहाड़ियों से टकराकर लौट आई और उसे सुनाई दिया, `भूत।´ लड़का समझा सचमुच भूत है। अब की बार उसने मुटि्ठयॉं कसीं और जोर से चिल्लाया, `` तू मुझे खायेगा।´´ पहाड़ो से टकराकर उसकी आवाज फिर लौट आई और उसने यही समझा कि भूत मुझसे पूछ रहा है। तब वह बोला, `` हॉं मैं तुझे खाउंगा।´´ यही आवाज जब फिर उस तक लौटी तो लड़का डरकर अपने घर चला गया और उसने अपनी मॉं से सारी बात कह दी। मॉं ने वस्तुस्थिति समझकर कहा, `` बेटा अब की बार तुम जंगल में जाओ तो उस भूत से कहना मेरे प्यारे दोस्त मैं तुझे प्रेम करता हूं। दोबारा जब वह जंगल में गया तो चिल्लाया,`` मेरे अजीज दोस्त।´´ पहाड़ों से उन्ही शब्दों की प्रतिध्वनि सुनाई दी और लड़के ने समझा, इस बार भूत उसे डरा नहीं रहा है। फिर वह बोला `` मैं तुझे प्यार करता हूँ।´´ पहाड़ो से यही बात फिर टकराकर लौटी तो लड़का खुशी से नाच उठा। क्रिया की प्रतिक्रिया प्रकृति का एक शाष्वत नियम है।
विचार शक्ति इस विश्व कि सबसे बड़ी शक्ति है | उसी ने मनुष्य के द्वारा इस उबड़-खाबड़ दुनिया को चित्रशाला जैसी सुसज्जित और प्रयोगशाला जैसी सुनियोजित बनाया है | उत्थान-पतन की अधिष्ठात्री भी तो वही है | वस्तुस्तिथि को समझते हुऐ इन दिनों करने योग्य एक ही काम है " जन मानस का परिष्कार " | -युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य
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