एक रात भयंकर तूफान आया । सैकड़ों विशालकाय पुराने वृक्ष धराशायी हो गए। अनेक किशोर वृक्ष भी थे, जो बच गए थे, पर बुरी तरह सकपकाए खड़े थे।
प्रात:काल आया, सूर्य ने अपनी किरणें धरती पर फैलाई । ड़रे हुए वृक्षों को देखकर किरणों ने पूछा-``तात! तुम इतना सहमे हुए क्यों हो ? ´´ किशोर वृक्षों ने कहा-``देवियो! ऊपर देखो ,हमारे कितने पुरखे धराशायी पड़े हैं ।रात के तूफान ने उन्हें उखाड़ फेंका । न जाने कब यही स्थिति हमारी भी आ बने।´´ किरणें हँसी और बोलीं-``तात! आओ, इधर देखो ! यह वृक्ष तूफान के कारण नही, जड़े खोखली हो जाने के कारण गिरे। तुम अपनी जड़े मजबूत रखना तुम्हारा कुछ भी नहीं बिगाड़ पायेगा।´´
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