शनिवार, 14 मई 2011

अखण्ड ज्योति जुलाई 1957

1. अहम् ब्रह्मास्मि

2. धर्म का सच्चा स्वरूप

3. तत्व ज्ञान का मानव जीवन में उपयोग

4. राम-चरित्र की महानता और उसकी शिक्षाऐं

5. अपने आप का स्वामी बन कर रहिए

6. नारियां ही हमारे समाज को उच्च पद पर आसीन करायेगी

7. व्यक्तित्व और स्वास्थ्य

8. समाज के उत्थान और पतन का उत्तरदायित्व ब्राह्मणों पर हैं

9. विचारों की अमोघ शक्ति और उसका सदुपयोग

10. जनसंख्या की समस्या और वैदिक समाज

11. सिनेमा नैतिक पतन का प्रचारक हैं

12. मनुष्य अपने भाग्य का आप ही मालिक हैं

13. जीवन का उद्देश्य कैसे सफल हो ?

14. ढोंगी ‘महापुरूषों’ की काली करतूतों से बचिए

15. यज्ञ का मुख्य उद्देश्य लोक कल्याण ही हैं

16. हमारा लोक राज कैसे सफल हो सकता हैं ?

17. विज्ञान की वर्तमान गति और उसका भविष्य

18. अ.भा.गायत्री परिवार सम्मेलन

19. धर्म-प्रेमियों के सराहनीय प्रयत्न

20. गायत्री-उपासना के अनुभव

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