बुधवार, 19 अगस्त 2009

नरसी महता

अंतकाल में महापुरूषों को देह की पीड़ा तो रहती है, पर मन कभी विकल नहीं होता । वे मन से प्रसन्न रहकर कष्ट को सहन करते हैं। अपने सारे भोग काट कर ही जाते है। नरसी महता की पत्नी मरी । लोगों ने आकर देखा-वे कीर्तन कर रह थे। खूब प्रसन्न थे। लोगो ने सोचा वियोग में पागल हो गए हैं, बहुत स्नेह करते थे अपनी पत्नी को, लेकिन वो प्रसन्न-मुक्त हो गई। इस तथ्य को संसारी आदमी नही समझ सकते।

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