बुधवार, 17 जून 2009

ऐसे थे वे लोग

एक बार गाँधी जी स्कूल देर से पहुंचे । बादल छाए रहने और वर्षा होने के कारण उन्हें समय का ठीक पता न चला। स्कूल में अध्यापक ने उनसे देर से आने का कारण पूछा, तो उन्होंने सच बात बता दी। इससे अध्यापक को संतोष न हुआ। उन्होंने इसे बहाना समझकर एक आना जुर्माना कर दिया।

गाँधी जी रोने लगे। साथियों ने कहा- एक आना के लिए क्यों रोते हो, आपके पिता तो अमीर हैं। एक आना कौन-सी बड़ी बात है। गाँधी जी ने कहा- मैं एक आना के लिए नहीं रोता, वरन् इसलिए रोता हूँ कि मुझे झूठा समझा गया।

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