मंगलवार, 13 दिसंबर 2011

एक बार मनु नाव में वेद रखे हुए जा रहे थे कि समुद्र में तूफान आ गया। तूफान शांत हुआ तो देखा कि एक बड़ी मछली उनकी नाव को सहारा दिए खड़ी है। मनु ने विनीत भाव से पूछा-

भगवान् ! आपने ही मेरी रक्षा की, आप कौन हैं ? ‘‘मत्स्य भगवान दिव्य रूप में प्रकट होकर बोले-‘‘वत्स ! तूने ज्ञान की रक्षा का व्रत लिया, इसलिए तेरी सहायता के लिए मुझे आना पड़ा।’’

सदुद्देश्य के लिए प्रयत्न करने वालों का भगवान स्वयं सहायक होता हैं।

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