रविवार, 22 मई 2011

अखण्ड ज्योति जनवरी 1964

1. तप से ही कल्याण होगा

2. कर्म का ब्रह्मापर्ण

3. सुख और दुःख क्या हैं ?

4. अनुशासन का उल्लंघन न करे

5. हम शक्तिशाली भी तो बने

6. प्रभावशाली व्यक्तित्व यों बनता हैं

7. परिश्रमी बनिए, ऊचें उठिए

8. कठिनाइयों का भी स्वागत कीजिए

9. इस जल्दबाजी से क्या फायदा

10. आज के काम को कल पर मत टालिए

11. स्वस्थ रहने के लिए विश्राम कीजिए

12. काना कुरूप-सेम्यूअल जानसन

13. वाणी का व्यभिचार रोका जाय

14. मित्रता की आवश्यकता और उसका पोषण

15. परस्पर सहयोग से ही प्रगति होगी

16. अश्लीलता और कामुकता का अभिशाप

17. गृहस्थ की दुर्दशा का महत्वपूर्ण कारण

18. सन्तान-पालन की शिक्षा चाहिए

19. अन्ध विश्वास और ठगी की व्याधि

20. उद्धरेदात्मनाऽत्मानम्

21. गायत्री की उच्च स्तरीय साधना

22. अखण्ड ज्योति की रजत जयन्ती

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