रविवार, 8 मई 2011

अखण्ड ज्योति जनवरी 1956



1. अग्निहोत्र-हैं क्या ?

2. यज्ञों का विस्तृत क्षेत्र

3. यज्ञ से स्वर्ग की प्राप्ति

4. यज्ञ की महान् महिमा

5. यज्ञकर्ता-ऋणी नहीं रहता

6. यज्ञ द्वारा विविध कामनाओं की पूर्ति

7. कल्याण का श्रेष्ठ मार्ग-यज्ञ

8. महाभारत में यज्ञ

9. यज्ञ की भावना

10. यज्ञ का वास्तविक स्वरूप

11. यज्ञ द्वारा विश्व शांति की सम्भावना

12. यज्ञ द्वारा देव शक्तियों से अनुग्रह प्राप्ति

13. यज्ञ पुरूष और उसकी महिमा

14. यज्ञ विज्ञान सम्मत हैं

15. यज्ञ का महान् तत्व ज्ञान

16. यज्ञ के प्रत्यक्ष अनुभव

17. श्रवण कुमार की अन्तर्वेदना

18. श्रौत-यज्ञों का संक्षिप्त परिचय

19. कुण्डो की रचना एवं भिन्नता का उद्देश्य

20. हवन का व्यक्तिगत अनुभव

21. गायत्री पुस्तकालय स्थापित कीजिए

22. श्रौत और स्मार्त यज्ञों यज्ञ-पात्र

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