मंगलवार, 3 मई 2011

अखण्ड ज्योति जुलाई 1952

1. मंगलमय हो पुण्य उदय !

2. तपस्या का प्रचंड प्रताप।

3. गायत्री एक जीवन विद्या है।

4. आधे राष्ट्र का पुनरूत्थान।

5. गायत्री उपासना से कामनाओं की पूर्ति।

6. माधवाचार्य जी की वाणी सिद्धि।

7. स्वामी मगनानन्द जी।

8. गायत्री की साधना से वचन सिद्धि व मृत्यु ज्ञान।

9. स्वेच्छा निर्वाण।

10. गायत्री की तन्त्र साधना।

11. श्री विष्णु दास जी ब्रह्मचारी।

12. गायत्री उपासक का ब्रह्मतेज।

13. गायत्री का आग्नेयास्त्र।

14. श्री स्वामी विद्यारण्य जी।

15. दिव्य पथ प्रदर्शन।

16. नव जीवन का वरदान।

17. अनजान से सुजान।

18. माता द्वारा प्राण भिक्षा का दान।

19. महात्मा श्री अनासक्त जी।

20. प्राण रक्षा के अवसर।

21. वैमत (प्रेतात्मा) से छुटकारा।

22. प्रचण्ड प्रेत का दमन।

23. भयंकर अभियोग से निर्दोष मुक्ति।

24. कठिनाइयों का निवारण।

25. निराशा में आशा की किरण।

26. आत्म कल्याण का वैज्ञानिक मार्ग।

27. गायत्री के अनुग्रह का परिचय।

28. सेवा और सात्विकता का विकास।

29. गायत्री द्वारा विष उपचार।

30. दुर्भाग्य की समाप्ति।

31. माता की कृपा के अनुभव।

32. उन्नति के पथ पर।

33. बीमारियों का कुचक्र टूटा।

34. गायत्री प्रेमियों से प्रार्थना।

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