रविवार, 1 मई 2011

अखण्ड ज्योति मई 1950

1. रामायण में ‘माया’ बन्धन की विवेचना।

2. नवयुग की बेला।

3. सविता बनो, सूर्य का अनुकरण करो।

4. मनुष्य की महानता का रहस्य।

5. विपत्ति में अधीर मत हूजिए।

6. सब कष्ट अपने कर्मफल ही नहीं हैं।

7. बुरे विचारों से दूर रहिए।

8. क्रोध हमारा आन्तरिक शत्रु हैं।

9. नारी को क्या पढ़ाया जाये ? क्यों पढ़ाया जाय ?

10. क्या लोग आपको पसंद करते हैं ?

11. अधिक दिन जीना हैं तो कुछ भूखे रहिए।

12. एक सुगम गायत्री साधना।

13. स्वामी दयानंद सरस्वती के उपदेश।

14. शास्त्र मंथन का नवनीत।

15. दुःखी दुनिया।

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