9. सूर्योःदेवता
10. साधक के लक्षण
14. जीवन का उद्धेश्य
15. मित्रता-निबाहना
16. नशा पीना छोड़ो
17. शब्द-योग का साधन
18. उत्तम जीवन
20. शेखी मत बघारो
विचार शक्ति इस विश्व कि सबसे बड़ी शक्ति है | उसी ने मनुष्य के द्वारा इस उबड़-खाबड़ दुनिया को चित्रशाला जैसी सुसज्जित और प्रयोगशाला जैसी सुनियोजित बनाया है | उत्थान-पतन की अधिष्ठात्री भी तो वही है | वस्तुस्तिथि को समझते हुऐ इन दिनों करने योग्य एक ही काम है " जन मानस का परिष्कार " | -युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य
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