(होठों पे सच्चाई रहती है
जहाँ दिल में सफ़ाई रहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है ) \- २
(मेहमां जो हमारा होता है
वो जान से प्यारा होता है ) \- २
ज़्यादा की नहीं लालच हमको
थोड़े मे गुज़ारा होता है \- २
बच्चों के लिये जो धरती माँ
सदियों से सभी कुछ सहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है
(कुछ लोग जो ज़्यादा जानते हैं
इन्सान को कम पहचानते हैं ) \- २
ये पूरब है पूरबवाले
हर जान की कीमत जानते हैं \- २
मिल जुल के रहो और प्यार करो
एक चीज़ यही जो रहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है
(जो जिससे मिला सिखा हमने
गैरों को भी अपनाया हमने ) \- २
मतलब के लिये अन्धे होकर
रोटी को नही पूजा हमने \- २
अब हम तो क्या सारी दुनिया
सारी दुनिया से कहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है
होठों पे सच्चाई रहती है
जहां दिल में सफ़ाई रहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है
विचार शक्ति इस विश्व कि सबसे बड़ी शक्ति है | उसी ने मनुष्य के द्वारा इस उबड़-खाबड़ दुनिया को चित्रशाला जैसी सुसज्जित और प्रयोगशाला जैसी सुनियोजित बनाया है | उत्थान-पतन की अधिष्ठात्री भी तो वही है | वस्तुस्तिथि को समझते हुऐ इन दिनों करने योग्य एक ही काम है " जन मानस का परिष्कार " | -युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य
मंगलवार, 25 जनवरी 2011
होंठों पे सच्चाई रहती है
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