क्रोध का अपना पूरा खानदान हैं।
क्रोध की माँ का नाम उपेक्षा हैं और पत्नी का नाम हिंसा हैं।
उसकी छोटी बहिन जिद हैं।
क्रोध का पिता अहंकार हैं। अहंकार से ही क्रोध का जन्म होता हैं।
क्रोध के बेटे का नाम भय हैं। क्रोधी से सभी डरते हैं। क्रोधी से सभी परहेज रखते हैं। क्योंकि वह भय का ही बाप हैं।
क्रोध की दो बेटिया भी हैं - निन्दा और चुगली।
निन्दा मुँह के पास रहती हैं तो चुगली कान के पास।
निन्दा मुहं की गोद में रहने वाली बेटी हैं तो चुगली कान की गोद में।
क्रोध के बदमाश बेटों में एक बेटा बड़ा नकटा हैं और उसका नाम वैर-विरोध हैं।
यह बेटा दो पत्नियों से एक साथ शादी करता हैं। एक पत्नी से इसका मन नहीं धापता।
इसे एक साथ दो-दो पत्नियाँ चाहिये। एक दांयी ओर, एक बांयी ओर।
ये दो पत्निया क्रोध के घर की दो बहुए हैं।
इनका नाम हैं - ईर्ष्या और घृणा।
क्रोध के घर में आने वालों का यही दो बहुए अभिवादन करती हैं।
जब देखो तब नाक-भौंह सिकोड़ती रहती हैं।
इनके अभिवादन की यही तकनीक हैं।
ससुरे क्रोध ने इन्हें यही सब समझाया हैं।
साभार
कैसे पायें मन कि शांति - श्री चन्द्रप्रभ जी
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