सोमवार, 24 अक्तूबर 2011

श्रेष्ठ कौन ?

ज्ञान और धन दोनों में एक दिन अपनी श्रेष्ठता के प्रतिपादन पर झगड़ा उठ खड़ा हुआ। दोनों अपनी-अपनी महत्ता बताते और दूसरे को छोटा। आत्मा ने कहा- ``तुम दोनों कारण मात्र हो, इसलिए श्रेष्ठ बात ही तुम में क्या है ? सदुपयोग किये जाने पर ही तुम्हारी श्रेष्ठता है अन्यथा दुरुपयोग होने पर तो तुम दोनों ही घृणित बनकर रह जाते हो।´´

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