बुधवार, 15 जून 2011

अखण्ड ज्योति जनवरी 1986

1. विचारणा की पारसमणि

2. धर्मोपदेश ही नहीं अधर्म से संघर्ष भी

3. तत्वज्ञान का प्रथम सूत्र

4. त्रिविधि बन्धन और उनसे मुक्ति

5. मन को कुसंस्कारी न रहने दिया जाय

6. वातावरण बनाम वरिष्ठता

7. अध्यात्मवाद के फलितार्थ

8. ध्यानयोग पर वैज्ञानिक अन्वेषण

9. जीभ एक वाणियाँ चार

10. अलौकिक सिद्धियाँ

11. चैरासी लाख योनियों का परिभ्रमण

12. किशोर भी प्रौढ होते हैं

13. तन्मयता बनाम प्रतिभा

14. जीवन को वातानुकुलित रखा जाय

15. मूल बंध, उड्डियान बंध और जालन्धर बंध

16. तेजोवलय अथवा बायोप्लाजमा

17. हारमोन्स जीवनक्रम के रहस्य भरे स्त्राव

18. मस्तिष्कीय संरचना किसी की भी कम विलक्षण नहीं

19. सदुपयोग और दुरूपयोग प्राणाग्नि का भी समझे

20. आत्म सत्ता का अस्तित्व

21. क्या पृथ्वी भी प्लूटो बनने जा रही है ?

22. पूर्वाभास अन्धविश्वास नहीं है

23. मरण, सृजन का उल्लास भरा पर्व

24. बिना सम्पन्नता के भी सन्तोष का अनुभव

25. उदारता के साथ सतर्कता भी बनाये रहें

26. पत्नीव्रती पशु-पक्षी

27. नारी नर बनने जा रही हैं

28. हर परिस्थिति के लिए तैयार रहे

29. अचानक लुप्त होने वाली वस्तुएँ

30. भावनाओं को तरंगित करने में संगीत का उपयोग

31. योगासनो से विभिन्न व्याधियों का उपचार

32. गायत्री और सावित्री की एकता और पृथकता

33. त्राताओं की भूमिका दाताओं से ऊँची

34. अपनो से अपनी बात-हीरक जयन्ती और दो अभूतर्पूव कदम

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