बुधवार, 15 जून 2011

अखण्ड ज्योति सितम्बर 1984

1. जो गलेगा, वही उगेगा

2. मन का निरोध निग्रह

3. केषां न स्यादभिमतफला प्रार्थना ह्युत्तमेषु

4. उत्थान और पतन में विचार शक्ति की भूमिका

5. तस्मे ज्येष्ठाय ब्रह्मणे नमः

6. भगवान जो इन्सान बन गये

7. हम सब स्वरचित भावलोक में रहते हैं

8. ध्यान योग की सर्वोत्तम साधना

9. आभा मण्डल रूपी विद्युत सम्पदा का सुनियोजन-सदुपयोग

10. सूफी सन्त ‘‘सरमद’’

11. वास्तविक प्रगति और बलिष्ठता की कसौटी

12. हस्तरेखा और शरीर विज्ञान

13. दृश्य आयामों से परे जीवन जीकर तो देंखें

14. अनुशासित जीवन ही श्रेयस्कर

15. मोह के दल-दल से निकले

16. आनन्द खोजने अन्यत्र कहाँ जायें ?

17. जीवन सत्ता की आधारभूत सात प्रवृत्तियाँ-2

18. मन का बुढ़ापा न आने दे

19. ईसा के भारत में तीस वर्ष

20. चमत्कारी सामर्थ्यों की पिटारी अपने ही मस्तिष्क में

21. आत्मा किसी लिंग विशेष में रहने के लिए बाधित नहीं

22. लोकान्तरों के अन्तरिक्ष यान भूलोक में

23. अनोखी सूझ बूझों का स्त्रोत

24. ज्यातिर्विज्ञान अन्तरिक्ष भौतिकी से समन्वित हो

25. परिस्थितियों पर जीवन विजय पाता रहा हैं

26. उठती उमंगो का उपयोग कहाँ करें ?

27. बुद्धिमता सर्वोपरि सम्पदा

28. प्राण ही परमेश्वर हैं

29. शब्द ब्रह्म की सिद्धि-1

30. अन्तर्सत्ता का प्रचण्ड सूक्ष्मीकरण पुरूषार्थ

31. वर्चस की सिद्धि एवं युग समस्याओं का समाधान

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