रविवार, 12 जून 2011

अखण्ड ज्योति अक्टूबर 1981

1. समुद्र मन्थन की पुनरावृति

2. चरित्र रक्षा के लिए सौन्दर्याहुति

3. सच्चिदानन्द की आस्था और अनुभूति

4. अन्तःकरण ही वास्तविक भाग्य-विधाता

5. हम सब एक महान श्रंखला के घटक भर हैं

6. सम्पदा एवं महानता में से एक चयन

7. सृष्टि के विस्तार एवं नियम के पीछे चेतनात्मक तथ्य

8. काम बीज का उन्नयन, ज्ञानबीज में परिवर्तन

9. मानवी विकास-परम्परा के आधारभूत कारण

10. बड़प्पन की नहीं, तेजस्विता भी

11. मानवी चेतना की रहस्यमय परतें

12. अपने विश्व ब्रह्माण्ड की संक्षिप्त जन्म कुण्डली

13. संकल्प शक्ति के साक्षी पिरामिड

14. जलयान जो सदा दुर्भाग्यग्रस्त ही रहा

15. हमारे अदृश्य किन्तु शुभ चिन्तक सहायक

16. मरणोत्तर जीवन का वैज्ञानिक पर्यवेक्षण

17. अतीन्द्रिय चेतना निराधार नहीं, विज्ञान सम्मत

18. अपनी सामर्थ्य को समझे और काम में लायें

19. स्वास्थ्य सन्तुलन बनाने, बिगाड़ने वाले रहस्यम स्त्रोत

20. ब्रह्म तेजो बलम् बलम्

21. रूग्णता का आग्रहपूर्वक आमन्त्रण

22. प्रचण्ड ऊर्जा के दो प्रवाह कुण्डलिनी में

23. गायत्री मन्त्र की भावनात्मक पृष्ठभूमि

24. उपासना सम्बन्धी भ्रान्तियों की जड़ मूल से निरस्त

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