रविवार, 12 जून 2011

अखण्ड ज्योति जुलाई 1981

1. करूणा में भगवान

2. हृदय परिवर्तन

3. मुक्ति और ईश्वर प्राप्ति पृथक नहीं एक हैं

4. मानवोत्कर्ष का मूल मन्त्र-जिज्ञासा

5. ‘‘सर्व खिल्विदं ब्रह्म’’ को विज्ञान की मान्यता

6. धर्म धारणा हर दृष्टि से उपयोगी

7. प्रेम ही परमेश्वर है

8. स्नेह और सहानुभूति आत्मा की भूख प्यास

9. प्रत्यक्ष ही सब कुछ नहीं हैं

10. विग्रह की सहयोग और सहकार में परिणति

11. अहिंसा वीरों का भूषण

12. सत्य को खोजना हो तो दुराग्रह छोड़ें

13. आँखे कुछ भी देखती हो, मन कुछ भी करता हो, तथ्य कुछ ओर ही हैं

14. अन्तराल में प्रतिष्ठित-प्रतिभा क्षेत्र

15. आत्म-परिष्कार का राजपथ-स्वप्न लोक

16. पक्षी जिन्हे पुरूषार्थ के बिना चैन नहीं

17. कुण्डलिनी दिव्य स्तर की प्रचण्ड सामर्थ्य

18. मानवी काया-कितनी अद्भुत, कितनी सशक्त

19. गायत्री महाशक्ति का तत्वज्ञान

20. अपनो से अपनी बात

21. तीर्थ चेतना को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता

22. शान्तिकुंज गायत्री नगर बनाम गायत्री तीर्थ

23. गायत्री तीर्थ का स्वरूप और कार्यक्रम


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