शुक्रवार, 10 जून 2011

अखण्ड ज्योति जून 1979

1. मनुष्य जीवन का सुनिश्चित कल्प वृक्ष

2. साधना का प्रथम चरण

3. परमात्म-सत्ता के अकाट्य प्रमाण

4. तथ्यों और मान्यताओं का अन्तर समझा जाय

5. वासांसि जीर्णानि यथा विहाय

6. ‘‘श्रेयात् सिद्धि’’

7. यह जीवन भी कोई जीवन हैं

8. महामानव अर्थात् चरित्र-निष्ठा

9. प्रकृति के बन्धनों से मुक्ति मानवी चेतना

10. निर्भयता-श्रेयस् की जननी

11. अवांछनीय अभिवृति के दुष्परिणाम

12. अपनी इच्छा ही नहीं दूसरों का हित भी देंखे

13. पूर्वाग्रह छोड़े, प्रगतिशीलता अपनाये

14. अदृश्य शक्तियों का परोक्ष सहयोग

15. उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः

16. सृजन की ओर बढ़े, ध्वंस को रोके

17. संकल्प शक्ति का सदुपयोग किया जाय

18. मन्त्र विद्या-ध्वनि शक्ति का उच्चस्तरीय उपयोग

19. स्वस्थ जीवन की कुन्जी

20. मस्तिष्क की प्रसुप्त क्षमतायें और उनकी जाग्रति

21. सर्व चिन्ता परित्यागो निश्चिन्तो योग उच्यते

22. क्रोध के सर्वनाशी आवेग से बचें

23. शक्ति के दुरूपयोग की विभीषिका

24. वैज्ञानिक दृष्टि से अध्यात्म का प्रतिपादन साहित्य

25. फसल उगाना है

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