गुरुवार, 9 जून 2011

अखण्ड ज्योति मार्च 1978

1. तेरा विश्वास शक्ति बने, याचना नहीं

2. दिवमारूहत तपसा तपस्वी

3. समर्थ सत्ता को देंखे, सुने, प्राप्त करें

4. विनम्रता की विजय

5. ईश्वर दर्शन इस प्रकार होता है

6. आत्मा पथिक-शरीर सरायें

7. जीवन संग्राम विशुद्ध धर्मयुद्ध है

8. हमारा मस्तिष्क भानुमति का पिटारा

9. व्यक्ति की उत्कृष्टता ही सर्वोपरि

10. पाप न करें, पौधे बात खोल देंगे

11. महाभिक्षु पराभूतो

12. वृक्षारोपण का पुण्य फल

13. दूरदर्शिता अपनाने में ही कल्याण

14. अथ भारण्ड वार्ता

15. ज्ञान किसका सार्थक आज का या पूर्वजों का

16. स्वाध्याय-महापुरूष ढालने का स्टील प्लान्ट

17. ऐसी धरती की कल्पना कीजिए

18. प्रकृति पाठशाला में कला संकाय

19. आदर्शवादिता साहसिकता का उपयुक्त अवसर

20. प्रगति की दिशा में बढ़ते हुए हमारे नये चरण

21. व्यक्तित्व को परिष्कृत कर सकने वाला वातावरण

22. दस दिवसीय साधना सत्र तीर्थ निवास

23. नारी-जागरण की भाव भरी शिक्षण प्रक्रिया

24. ब्रह्मवर्चस और वानप्रस्थ

25. साधना की सफलता का उपयुक्त आश्रय

26. जाग्रत आत्माओं का युग सृजन के लिए आह्वान

27. आदर्शवाद अपना कर हम घाटे में नहीं रहते

28. रे ! जीवन तत्व लुटाता चल-कविता

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