रविवार, 5 जून 2011

अखण्ड ज्योति नवम्बर 1972

1. आत्म-देव की उपासना

2. जीवन का अर्थ

3. विज्ञान से सिद्ध न होने पर भी ईश्वर हैं ही

4. देवसत्ता और असुरसत्ता का अस्तित्व

5. भगवान की सर्वोत्कृष्ट रचना-मनुष्य कलेवर

6. ज्ञान और कर्म ही नहीं, भक्ति भी अपेक्षित हैं

7. जीवन का महत्व समझे और उसका सदुपयोग करें

8. मन को शासक नहीं, सेवक बनाया जाय

9. जीव जगत और विधाता की विनोद प्रियता

10. कुसंस्कारी मन की दुःखदायी प्रतिक्रिया

11. बुढ़ापा आपके मन का भ्रम मात्र हैं

12. मनःस्थिति का शरीर पर प्रभाव

13. चन्द्रमा के संदेश संकेत जो हमारे लिये आते हैं

14. प्रचण्ड वाक्शक्ति का चमत्कारी उपयोग

15. सच्चे शौर्य और सत्साहस की कसौटी

16. सुविधा सम्पन्न होने पर भी थकानग्रस्त क्यों ?

17. तनाव दूर करने के लिए शिथिलीकरण साधिए

18. प्रेमास्पद के चुनाव में सतर्कता बरतें

19. यज्ञ का स्वास्थ्य पर प्रभाव

20. दुष्कर्मों का कलुष प्रायश्चित से ही मिटेगा

21. स्वप्नो से सन्निहित महत्वपूर्ण संकेत

22. कुण्डलिनी जागरण से अनेक देवताओं का उद्भव

23. आजादी सत्प्रवत्तियों को मिले-दुष्प्रवृत्तियों को नहीं

24. दुःख और दुष्टता की जननी-दुर्बलता

25. अपनो से अपनी बात

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