गुरुवार, 2 जून 2011

अखण्ड ज्योति अक्टूबर 1969

1. आदर्शो की रक्षा

2. सच्चा सहचर

3. एक तुम्ही जीवन-आधार

4. धर्म और विज्ञान परस्पर विपरीत-किन्तु परिपूरक

5. ईश्वर-विश्वास और आत्म-विकास की परम्परा

6. मस्तिष्क और मानवीय शक्ति का रहस्योद्घाटन

7. पूर्णता की प्राप्ति

8. भाग्य और भविष्य के महालेख और जीन डिक्सन

9. चेतन सत्ता की अनन्त सामर्थ्यवान शक्ति-विचार

10. अपरिग्रह का अर्थ

11. मनुष्य वृक्ष-वनस्पतियों से ही कुछ सीखे

12. तब, जब ज्वालामुखी फूटते हैं

13. जीवन दान

14. अमैथुनी सृष्टि भी उत्पन्न होती हैं, हो सकती हैं

15. जैविक औषधियाँ और जन स्वास्थ्य से खिलवाड़

16. अर्थात् ब्रह्म जिज्ञासा

17. मानवेतर प्राणियों का संसार भी मनुष्यों जैसा

18. कर्तव्य परायणता-मानव जीवन की आधारशिला

19. बेईमानी का नही, ईमानदारी का मार्ग अपनाये

20. अपव्यय एक पाई का भी न करे

21. पशु-बलि भारतीय धर्म पर एक कलंक

22. कुण्डलिनी महाशक्ति और प्राण प्रवाह

23. अपनो से अपनी बात

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