मंगलवार, 24 मई 2011

अखण्ड ज्योति मई 1967

1. मानव जीवन का अनुपम सौभाग्य

2. दान-अहसान नही, एक प्रायश्चित

3. ज्ञान, कर्म और भक्ति योग की समग्र साधना

4. गहरे पानी पैठ, जिन खोजा तिन पाइया

5. जिज्ञासा जगाइये और ज्ञान भण्डार भरिए

6. सुख दुख हमारे कर्मों का ही फल हैं

7. प्रगति के पथ पर नित्य नये कदम बढ़ते हैं

8. सामूहिक उपवास द्वारा राष्ट्र एवं आत्मा की सेवा करिये

9. देवदर्शन के पीछे दिव्यदृष्टि भी रहे

10. महत्ता प्राप्ति से उद्धत न बना जाय

11. स्वच्छ रहे उच्च बने

12. पंचगव्य की तेजवर्द्धिनी जीवनदायिनी शक्ति

13. गायत्री का स्त्री-स्वरूप क्यों

14. यह पुण्य परम्परा इस मास से आरम्भ कर दे

15. नीलकण्ठ विष पियो

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