रविवार, 22 मई 2011

अखण्ड ज्योति दिसम्बर 1964

1. ईश्वर प्राप्ति कठिन नहीं, सरल हैं

2. ईश्वर हैं या नहीं

3. लक्ष्य ऊँचा हो और महान् भी

4. क्या सत्य, क्या असत्य ?

5. धर्म ही रक्षा करेगा और कोई नहीं

6. अपनी संस्कृति की रक्षा कीजिए

7. वाणी का दुरूपयोग मत कीजिए

8. आत्मबल और उसकी महत्ता

9. मन मान जाता हैं, मनाइये तो सही

10. स्वतन्त्र चिन्तन और उसकी आवश्यकता

11. सद्भावना से हम दूसरों का हृदय जीत लेते हैं

12. अपना दृष्टिकोण दूरदर्शितापूर्ण रहे

13. आप अकेले तो हैं नहीं

14. सुख की आकांक्षा को बुरी मत कहिए

15. गृहस्थाश्रम भी एक योग साधना हैं

16. निराशा-जीवन का एक महान् अभिशाप

17. मानसिक आवेशों का सदुपयोग करना सीखें

18. हित भुक्, मित भुक्, ऋत भुक्

19. अनावश्यक सत्य भी क्यों बोले

20. श्रम का सम्मान कीजिए, साथ ही श्रमिक का भी

21. स्वच्छता आपका मूल्य और सम्मान बढ़ाती हैं

22. लघु कथा-अनुचित लोभ से नाश

23. छोटी भूल का बड़ा दुष्परिणाम, साहस नहीं तो कुछ नहीं

24. पैसे को ही परमेश्वर मत मानते रहिए

25. स्वास्थ्य का मनोरंजन-श्रेष्ठ साधन संगीत

26. मधु संचय

27. युग निर्माण आन्दोलन की प्रगति

28. आगामी मास का अति महत्वपूण शिक्षण शिविर

29. युग निर्माण योजना-हर सदस्य पढ़े

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