शुक्रवार, 20 मई 2011

अखण्ड ज्योति जुलाई 1961

1. सत्येशवर प्रभु (कविता)

2. भले ही थोड़ा, पर उत्कृष्ट

3. कला का उद्देश्य-सृष्टा के अनन्त सौन्दर्य की अनुभूति

4. गायत्री की रहस्यमयी प्राण विद्या

5. कठिन समस्याओं के सरल समाधान

6. लोक-मानस की शुद्धि कौन करेगा ?

7. विचारणीय और मननीय

8. अपने और पराये

9. ईश्वर प्राप्ति की समस्या और उसका हल

10. प्रगति का आन्तरिक आधार

11. पुरूषार्थ से क्या नहीं हो सकता ?

12. आत्मशक्ति का अक्षय भण्डार

13. कहा तो उनने था-पर सुने हम भी

14. अध्यात्म आदर्श के प्रतीक-शिव

15. धर्म पुराणों की सत्कथायें

16. रविवार का व्रत उपवास

17. स्वाध्याय सन्दोह

18. गायत्री परिवार के सम्बन्ध में

19. भ्रम का विस्तार (कविता)

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