सोमवार, 7 मार्च 2011

जागेगा इन्सान जमाना देखेगा

जागेगा इन्सान जमाना देखेगा । 
नवयुग का निर्माण जमाना देखेगा॥ 

देवता बनेंगे मेरे , धरती के प्यारे । 
हम सुधरें तो , जग को सुधारें॥ 
चमकेगा देश हमारा , मेरे साथी रे । 
आँखों में कल का नजारा, मेरे साथी रे॥ 
धरती पे भगवान् , जमाना देखेगा॥ 

मिलजुल के होंगे सारे, खुशियों के मेले । 
कोई न रो पायेगा, दुख में अकेले । । 
जागेगा देश हमारा, मेरे साथी रे । 
आँखों में कल का नजारा, मेरे साथी रे । 
कल का हिन्दुस्तान जमाना देखेगा । 
जागेगा...........................................॥ 

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