शनिवार, 1 जनवरी 2011

प्रगति के पथ पर अग्रगामी

कुविचारों और दुःस्वभावों से पीछा छुड़ाने का तरीका यह हैं कि सद्विचारों के संपर्क में निरंतर रहा जाए उनका स्वाध्याय, सत्संग और चिंतन-मनन किया जाए। साथ ही अपने संपर्क-क्षेत्र में सुधार कार्य जारी रखा जाए। सतप्रवृत्ति संवर्द्धन का सेवा कार्य किसी न किसी रूप में कार्यान्वित करते रहा जाए। इतना करने पर ही मन को स्वच्छ, निर्मल व स्वयं को प्रगति के पथ पर अग्रगामी बनाए रखा जा सकता हैं। 

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