रविवार, 16 जनवरी 2011

दिमाग की कीमत

एक फैक्ट्री में मशीन चलते-चलते रूक गई। फैक्ट्री के मेकेनिक ने कोशिश की, पर मशीन सही न हुई। बाहर से इंजीनियर को बुलाया गया। उसने मशीन को अच्छी तरह से देखा और कहा- एक हथोड़ा लाओ। उसने मशीन के एक विशेष भाग पर जोर से हथोड़ा मारा और मारते ही मशीन चल पड़ी। सभी उसकी प्रशंसा करने लगे। उसने मालिक को बिल पकड़ाया। एक लाख रूपये का बिल देखकर मालिक भौचक्का रह गया। उसने कहा- आपने किया क्या, केवल एक हथोड़ा मारा और उसके एक लाख रूपये। इंजीनियर ने कहा- साहब माफ करना, हथौड़ा मारने का तो केवल एक रूपया हैं, पर वह कहाँ मारना हैं इसके 99999 रूपये हैं। मालिक समझ गया- हाथ की कीमत कितनी हैं और दिमाग की कीमत कितनी।

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