मंगलवार, 27 जुलाई 2010

अनावश्यक भार

गुरु ने शिष्य को हाथ में एक तेल से भरा कटोरा पकड़ा दिया और कहा 'यह तुम्हरी परीक्षा है इसे पकड़ कर पुरे उपवन में घुमो, और फिर मुझे बताओ वहा खिला हुआ सबसे सुन्दर फूल कौन सा है? ध्यान रखना इस कटोरे से एक बूँद भी तेल गिरने नहीं पाए' .

शिष्य ने पुरे उपवन के कई चक्कर लगाये जब वह वापस आया तो गुरु ने पूछा 'अब बताओ सुन्दर फूल का रंग क्या है?'

शिष्य ने कहा'मैं सच कहता हूँ ,उपवन के फूलों को तो मैं ठीक से देख ही नहीं सका मेरा पूरा ध्यान इसी में लगा रहा की तेल की एक भी बूँद कही जमीं पर गिर ना जाये .

तब गुरु ने कहा -'यह तुम्हरी परीक्षा नहीं थी यह तुम्हारी दीक्षा थी.' 

जो अपने साथ अनावश्यक भार ले कर चलता है वह कुछ भी सीख -समझ नहीं पाता . 

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