बुधवार, 23 दिसंबर 2009

स्वर्ग नरक के बीच

मरणासन्न डार्विन को थोड़ा होश हो गया। उन्होंने अपनी पुत्री से कहा-``बेटी, मैं न स्वर्ग जाना चाहता हूं न नरक। मैं तो यदि परलोक कहीं होता होगा, तो उसके द्वार पर अड़ा रहूंगा और इन पंडितो को न स्वर्ग में प्रवेश करने दूंगा और न नरक में। अन्यथा ये इस लोक की तरह परलोक में भी पाखंड फैलाए बिना न मानेंगे।´´

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