शुक्रवार, 17 जुलाई 2009

धैर्य

चीन के बांस को उगाना बड़ा दुरूह कर्म है. इसका छोटा सा बीज लेकर आप इस बोते हैं और साल भर तक इसे पानी और खाद देते हैं, लेकिन कुछ नहीं होता. दूसरे साल भी आप इसे पानी और खाद देते हैं, लेकिन कुछ नहीं होता.
तीसरे साल भी आप इसे पानी और खाद देना ज़ारी रखते हैं, लेकिन कुछ नहीं होता. अब आप झल्ला जाते हैं. चौथे साल भी आप इसे पानी और खाद देना ज़ारी रखते हैं, लेकिन कुछ नहीं होता. यह सब आपको बेहद उकता देता है.

पांचवें साल भी आप इसे पानी और खाद देना जारी रखते हैं। अब आपको कुछ हलचल प्रतीत होती है… देखते ही देखते आपका चीनी बांस का छौना छः हफ्तों में 90 फीट बढ़ जाता है. यह सच है!

1 टिप्पणी:

निशांत मिश्र - Nishant Mishra ने कहा…

राजेंद्र जी, आपने मेरे ब्लौग पर चंद दिनों में ही दसियों कमेन्ट कर डाले... ये देखकर ख़ुशी होती है की आपको मेरा ब्लौग इतना पसंद है. मैंने आपके ब्लौग को देखना शुरू किया है. आप अच्छा काम कर रहे हैं. लोगों को संस्कारवान बनाए जाने की आवश्यकता है... किसी ऊंचे लक्ष्य की प्राप्ति के लिए नहीं बल्कि आदर्श मनुष्य का जीवन जीने के लिए. आप लेखन करते रहें, लोग अवश्य लाभान्वित होंगे.

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