गुरुवार, 16 अक्तूबर 2008

दु:ख भुलाना और सुख को याद रखना

दो दोस्त एक रेगिस्तान से गुजर रहे थे। बीच रास्ते में उनके बीच बहस छिड गयी और पहले दोस्त ने दूसरे को थप्पड लगा दिया। जिसे थप्पड पडा उसने बिना कुछ कहे, रेत पर लिखा। ``आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मुझे थप्पड मारा।´´ ऐसा लिखकर वे दोनो साथ चल दिये। रास्ते में नदी आयी। दूसरा दोस्त उसमें नहाने के लिये उतरा और डूबने लगा। पहले दोस्त ने तुरन्त नदी में कूद कर उसकी जान बचायी। इस बार उस दोस्त ने पत्थर पर लिखा। ``आज मेंरे सबसे अच्छे दोस्त ने मेरी जान बचायी। पहले ने उससे रेत और पत्थर पर लिखने का कारण पूंछा तो उसने जवाब दिया। `` 

जब कोई तकलीफ पहुंचाये तो उसे रेत पर लिखना चाहिये ताकि क्षमा की हवा उसे मिटा सके। लेकिन यदि कोई अच्छा करे तो उसे पत्थर पर लिखना चाहिये, जिससे कोई भी उसे भुला न सके। ``दु:ख भुलाना और सुख को याद रखना खुद अपने हाथ में है।


1 टिप्पणी:

Vivek Gupta ने कहा…

सुंदर अभिव्यक्ति, सुन्दर भाव

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