रविवार, 14 सितंबर 2008

स्वाध्याय एक अनिवार्य दैनिक कृत्य

मानव जीवन में सुख की वृद्धि करने के उपायों में स्वाध्याय एक प्रमुख उपाय है। स्वाध्याय से ज्ञान की वृद्धि होती है। मन में महानता, आचरण में पवित्रता और आत्मा में प्रकाश आता है। स्वाध्याय एक प्रकार की साधना है, जो अपने साधक को सिद्धि के द्वार तक पहुँचाती है। जीवन को सफल, उत्कृष्ट एवं पवित्र बनाने के लिए स्वाध्याय की बड़ी आवश्यकता है। प्रतिदिन नियम पूर्वक सद्ग्रंथों का अध्ययन करते रहने से बुद्धि तीव्र होती है, विवेक बढ़ता है और अंत:करण की शुद्धि होती है, अत: प्रतिदिन चिंतन-मनन के साथ स्वयं पढ़ें एवं दूसरों को पढ़ाने का प्रयास करें।
-पं.श्रीराम शर्मा आचार्य।

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