सोमवार, 22 सितंबर 2008

शक्तिशाली कौन

एक बार गौतम बुद्ध अपने शिष्यों के साथ किसी पर्वतीय स्थल पर ठहरे थे। शाम के समय वह अपने एक शिष्य के साथ भ्रमण के लिए निकले। दोनों प्रकृति के मोहक दृश्य का आनंद ले रहे थे। विशाल और मजबूत चट्टानों को देख शिष्य के भीतर उत्सुकता जागी। उसने पूछा, ‘इन चट्टानों पर तो किसी का शासन नहीं होगा क्योंकि ये अटल, अविचल और कठोर हैं।’ शिष्य की बात सुनकर बुद्ध बोले, ‘नहीं, इन शक्तिशाली चट्टानों पर भी किसी का शासन है। 

लोहे के प्रहार से इन चट्टानों के भी टुकड़े-टुकड़े हो जाते हैं।’ इस पर शिष्य बोला, ‘तब तो लोहा सर्वशक्तिशाली हुआ?’ बुद्ध मुस्कराए और बोले, ‘नहीं। अग्नि अपने ताप से लोहे का रूप परिवर्तित कर सकती है।’ उन्हें धैर्यपूर्वक सुन रहे शिष्य ने कहा, ‘मतलब अग्नि सबसे ज्यादा शक्तिवान है।’

‘ नहीं।’ बुद्ध ने फिर उसी भाव से उत्तर दिया, ‘जल, अग्नि की उष्णता को शीतलता में बदलता देता है तथा अग्नि को शांत कर देता है।’ शिष्य कुछ सोचने लग गया। बुद्ध समझ गए कि उसकी जिज्ञासा अब भी पूरी तरह शांत नहीं हुई है। शिष्य ने फिर सवाल किया, ‘आखिर जल पर किसका शासन है?’ बुद्ध ने उत्तर दिया, वायु का। वायु का वेग जल की दिशा भी बदल देता है। शिष्य कुछ कहता उससे पहले ही बुद्ध ने कहा, ‘अब तुम कहोगे कि पवन सबसे शक्तिशाली हुआ। नहीं, वायु सबसे शक्तिशाली नहीं है। 

सबसे शक्तिशाली है मनुष्य की संकल्पशक्ति क्योंकि इसी से पृथ्वी, जल, वायु और अग्नि को नियंत्रित किया जा सकता है। अपनी संकल्पशक्ति से ही अपने भीतर व्याप्त कठोरता, ऊष्णता और शीतलता के आगमन को नियंत्रित किया जा सकता है, इसलिए संकल्पशक्ति ही सर्वशक्तिशाली है। जीवन में कुछ भी महत्वपूर्ण कार्य संकल्पशक्ति के बगैर असंभव है। इसलिए अपने भीतर संकल्पशक्ति का विकास करो।’ यह सुनकर शिष्य की जिज्ञासा शांत हो गई।

2 टिप्‍पणियां:

BrijmohanShrivastava ने कहा…

प्रियवर माहेश्वरीजी ,आपके लेखों या चिंतन पर टिप्पणी देना हंसी खेल नहीं है -एक एक चिंतन को चार चार बार पढ़ कर समझ कर कुछ लिखना पड़ेगा /लिखूंगा तो जरूर और बहुत सोच समझ कर परन्तु विचारों में भिन्नता हो जाए तो कृपया आलोचना न समझना आज रात अध्ययन के लिए सिर्फ़ शक्ति शाली और कर्म की महानता ये दो ही आर्टिकल ले जारहा हूँ इंशाल्लाह कल विचार पेश करूंगा

RAJ SINH ने कहा…

uddes mahat, prayas shasakt.lekhan man ko choota hai.asha hai manas pariskrit honge.kash ham jane imandree chalaki se ooper hai.

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